मनुष्य पर्यावरण का अंग
मनुष्य पर्यावरण का एक अभिन्न अंग है,
उसका जीवन व्यतीत करने का अपना ही एक अलग ढंग है!
पर वो पर्यावरण को आज नुकसान पहुंचा रहा है,
प्राकृतिक स्रोतों...
उसका जीवन व्यतीत करने का अपना ही एक अलग ढंग है!
पर वो पर्यावरण को आज नुकसान पहुंचा रहा है,
प्राकृतिक स्रोतों...