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जिंदगी एक खुली किताब है।
जिंदगी एक खुली किताब
ना कोई राज है ना कोई रहस्य है।
मेरी जिंदगी एक खुली किताब है।।
एक-एक पन्ने पे लिखा गमों का एहसास है।
मेहनत और परिश्रम से सराबोर,यह पंथ हैं।।
सच्चाई और नेकी का अनोखा यहा मेल है।
सुख दुख से परे हट कर जीवन अनमोल हैं।।
उम्मीद और आशाओं से झीलमिलाता यह संसार है।
मेरे हिस्से में ही क्यों मेरे मालिक यह अंधकार है...??
जब भी हाथ उठाया दुआएं मैंने सबके लिए ही मांगा,
फिर कैसा यह चीत्कार है,क्या मेरी दुआएं बेकार है..??
राम ही जाने कैसा यह संसार है ,
जहां इंसानों का मोल नहीं, भावनाएं यहां तार तार है।
रूपयों का बोलबाला है। हर शख्स यहां नकाब वाला है।।
किस पर करें भरोसा...? बेवफ़ा यहां तो संसार सारा हैं।
जिससे दिल लगाया उसी ने धोखा थमाया है।।
औरों की क्या बात करें अपनों ने खूब जलाया है।
छन्नी छन्नी करके दिल का पुछते है ।
अब क्या हाल तुम्हारा है..??
क्या बताएं किस्सा अपना..?सब ने जी हा लुटा है।
एक एक रिश्ते को हमने भी बहुत करीब से देखा है।।
किरण