...

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"आख़िर क्यूं...."

© Shivani Srivastava
तुमको जितना माना, उतना दर्द दिया है तुमने...
कह दो ना एक बार,ऐसा क्यों किया है तुमने ।
दिल ही दिल में रोने को, मजबूर किया है तुमने..
कह दो ना एक बार.... क्यूं ये कसूर किया है...