...

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बाप
आज मैंने उजड़ते देखी है उसकी जिंदगी..
जो अपने बाप की लाडली थी..
उसकी माँ का सिंधूर, उसका कंधा, उसके घर का जलता चूल्हा सब आहिस्ता आहिस्ता टूटते बिखरते देखा है..
बिन बाप की जिंदगी को पल पल तड़प में महसूस किया है..
घर का इकलौता चिराग़ जिसके कंधों पर जिमीदरियों का बोझ आ गया है..
न जाने बिन बाप के कैसे उन फर्जों को अदा किया है..
देखते ही देखते अपने पापा की जगह को ले लिया है..
जिसके साथ जिंदगी का तजुर्बा पाया है..
अब यादों और आँशुओं के सिवाय कुछ न पाया है..
जिसे अपनी नजरों से दुनिया दिखाना था..
वो महज सपनों में रह गया है.
वो चमकता सितारा आज अकेला छोड़कर अनंत brahamand में समा गया है..
बिन बाप के जिंदगी को कैसे जिया जाता है..
ये मेरी माँ और बहन {junior nirma} ने सिखाया है..
खुद से लड़कर खुद को संबल देना है..
अब जमाने को बिन बाप के साये में जीना है..
अपने भाई का साथ कदम से कदम देना है..
जो मुझे चमकते सितारों में देखना चाहते हैं..
आज वो ख़ुद एक सितारा बन गया है..
दुनिया की हकीकत को बिन पापा के जाना है..
अपना वजूद अपने बाप के बिन न पाया है..
अब दुनिया को अपनी नज़र से देखना है..
अपने बाप की नजरों का साया उठता देखा है..
जमाने की हकीकत को अब जाना है..
अपने माँ बाप के बिन अपना वजूद ही न पाया है..
फिर भी अब अपनी हस्ती बनाना है..
अपने माँ बाप के उसूलों से जिंदा रखना है..
बस खुद को जमाने के साथ जीना है..
खुद को खुद के लिए नहीं, जमाने के लिए मुकम्मल करना है..
by क्षमा सैनी 👑😎
© @kshamasaini