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मै थोड़ा ही खाता हूँ २
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लोगों की बातें मत सुनना, सुनो जो मै बतलाता हूँ
करते है बदनाम मुझे सब, मै थोड़ा ही खाता हूँ

है मेरी खुराक ना ज्यादा,खाता हूँ हाथी से आधा
पैसे अपने खर्च ना करूँ, मिले मुफ्त फिर क्या है बाधा
मै कुछ भी ना खर्चूं,जजमानों से खर्च करता हूँ
करते हैँ बदनाम मुझे सब, मै थोड़ा ही खाता हूँ

दस लीटर हो दूध गरम, और छील के उसमें कम से कम
केले दो दर्जन पके हुए , मिक्सी में पीस मिलाता हूँ
रोज नाश्ते मे केवल इतनी समग्री खाता हूँ
करते हैँ बदनाम मुझे सब, मै थोड़ा ही खाता हूँ

अब भोजन की बात बताऊँ,चलो आपको ये समझाऊँ
चावल खाऊँ कीलो भर और सब्जी हो कम से कम चार
गर्म कचौरी भर-भर दोने साथ में मिर्ची और अचार
रोटी गिनता नहीं, नापकर बित्ते से मैं खाता हूँ
करते हैँ बदनाम मुझे सब, मै थोड़ा ही खाता हूंँ

झूठी खाए कसम कोई,कोई चारा खा जाता है
ईश्वर के नाम का कोई चंदा तक खा जाता है
वो बेच खा रहे जनता को,मैं तो बस खाना खाता हूंँ
करते हैँ बदनाम मुझे सब, मै थोड़ा ही खाता हूंँ
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स्वरचित"कौशल किशोर सिंह"
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© Kaushal