Gaon ki beti
Gaon ki beti
उठती है बेटी सुबह जल्दी
पानी के लिए जल्दी-जल्दी
खीचती रस्से भारी भारी
है घर के लिए रोज की तैयारी
आता है जब समय
घर की सफाई का
नहीं आता है नजर एक भी
पत्ता डला जमीन पर
बड़ती है जब समझ उसकी
उम्र के पहलू के साथ साथ
संभालती है घर और बाहर की
पूरी जिम्मेदारी साथ साथ
करती खेती-बाड़ी
हाथ बटाँती हर बार
चूल्हे पे भी बना लेती है
खाना बेहतरीन हर बार
है हाथों में...
उठती है बेटी सुबह जल्दी
पानी के लिए जल्दी-जल्दी
खीचती रस्से भारी भारी
है घर के लिए रोज की तैयारी
आता है जब समय
घर की सफाई का
नहीं आता है नजर एक भी
पत्ता डला जमीन पर
बड़ती है जब समझ उसकी
उम्र के पहलू के साथ साथ
संभालती है घर और बाहर की
पूरी जिम्मेदारी साथ साथ
करती खेती-बाड़ी
हाथ बटाँती हर बार
चूल्हे पे भी बना लेती है
खाना बेहतरीन हर बार
है हाथों में...