राम सिर्फ राम
राम का हो साथ फिर किसी साथ की जरूरत कहाँ
मन मन्दिर में बसे हों राम फिर किसी और पर दिल आता कहाँ
ज़ुबाँ पर हो राम नाम फिर बेनाम होने का डर कहाँ
सिर पर हो राम का हाथ फिर...
मन मन्दिर में बसे हों राम फिर किसी और पर दिल आता कहाँ
ज़ुबाँ पर हो राम नाम फिर बेनाम होने का डर कहाँ
सिर पर हो राम का हाथ फिर...