❤️❤️❤️❤️❤️
लब्ज ओठो पे आके रुक जाते हैं,
फिर भी कुछ केह nahi पाती हुं मैं!
हर वक्त तेरी हि ख्वाहिशो के,
गीत गुणगुणाती हुं मैं!
© Sakshi mule ✍️ ✍️
© All Rights Reserved
फिर भी कुछ केह nahi पाती हुं मैं!
हर वक्त तेरी हि ख्वाहिशो के,
गीत गुणगुणाती हुं मैं!
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