...

10 views

तसल्ली हैं...
जब से आंखें ये खुली हैं,
तब से सपने सतरंगी देखीं हैं
दिल में तपिश इं सपनों की,
हर वक़्त संजोए रखी हैं।
अपने सपनों को जीने की इच्छा,
खुशी से ज़िन्दगी जीने से कम नहीं।
हैं ये सच्चाई कायनात की लिखी,
कभी भी ये झूठी होती नहीं।
पर हर ज़माने में...