...

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भावों का संगीत स्वर
कई बार भावों को शब्द नहीं मिलते ,
तो कई बार शब्दों को अर्थ !
पर लेखन की इस दुनिया में ,
अलग - सा आनंद है ,
जो छेड़ता है मेरी कलम के तार ,
जिसका है एक अलग ही संसार !

मेरे भावों का संगीत स्वर ,
सुनाई पड़ता है मुझे अपने ही शब्दों में , वही ये मध्दम सुर ,
देते हैं सुकून के कुछ बेहतरीन पल ,
जो कर देते हैं मेरे मस्तिष्क को जुनून की नव दिशा की ओर ,
और मन के अनेकानेक विचारों पर ,
छा जाता है सुकून का शीतल शोर !!

© Mridula Rajpurohit ✍️
🗓️26 October , 2021
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