यादों का शोर
सांझ हो कि भोर
मन में रहता है तेरी यादों का शोर
ये मुझे सुकूँ नही लेने देता
महफ़िल हो या तन्हाई
कैसे भुला दूं तुम्हे...
मन में रहता है तेरी यादों का शोर
ये मुझे सुकूँ नही लेने देता
महफ़िल हो या तन्हाई
कैसे भुला दूं तुम्हे...