#Kaisa pyar tha tumhara ........
भरी सभा मे इज्जत को उसकी
तुमने पल भर मे उछाल दिया
और तुम कह्ते हो के तुमने उससे,बेइंतहा प्यार किया।
जो ज़ख्मों को मरहम लगाता था
उसी नें सबसे गहरा ज़ख्म दिया
वो टूटती रहीं सामने तुम्हारे
और तुमने उसे बिखरने दिया
वो दर पर खड़ी थी तुम्हारे
जब साथ की इच्छा थी उसे तुमसे
तुम चुप खड़े सुनते रहे सबकी
और उसे बदनाम होने दिया।
तुम्हें अपनाया था उसने सब चाहत अपनी छोड़ कर
तुम्हारे सपनों को अपनाया था उसने अपने सपने तोड़ कर
तुम्हारे लिये वो आयी थी क्यूंकि आज भी उसे उम्मीद थी तुमसे
के साथ तुम दोगे उसका,उसके लिए लड़ कर सबसे
क्यूं दिखाए थे तुमने सपनें उसको
जब पूरा उनको तुम्हें करना ना था ...
तुमने पल भर मे उछाल दिया
और तुम कह्ते हो के तुमने उससे,बेइंतहा प्यार किया।
जो ज़ख्मों को मरहम लगाता था
उसी नें सबसे गहरा ज़ख्म दिया
वो टूटती रहीं सामने तुम्हारे
और तुमने उसे बिखरने दिया
वो दर पर खड़ी थी तुम्हारे
जब साथ की इच्छा थी उसे तुमसे
तुम चुप खड़े सुनते रहे सबकी
और उसे बदनाम होने दिया।
तुम्हें अपनाया था उसने सब चाहत अपनी छोड़ कर
तुम्हारे सपनों को अपनाया था उसने अपने सपने तोड़ कर
तुम्हारे लिये वो आयी थी क्यूंकि आज भी उसे उम्मीद थी तुमसे
के साथ तुम दोगे उसका,उसके लिए लड़ कर सबसे
क्यूं दिखाए थे तुमने सपनें उसको
जब पूरा उनको तुम्हें करना ना था ...