...

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#Kaisa pyar tha tumhara ........
भरी सभा मे इज्जत को उसकी
तुमने पल भर मे उछाल दिया
और तुम कह्ते हो के तुमने उससे,बेइंतहा प्यार किया।

जो ज़ख्मों को मरहम लगाता था
उसी नें सबसे गहरा ज़ख्म दिया
वो टूटती रहीं सामने तुम्हारे
और तुमने उसे बिखरने दिया

वो दर पर खड़ी थी तुम्हारे
जब साथ की इच्छा थी उसे तुमसे
तुम चुप खड़े सुनते रहे सबकी
और उसे बदनाम होने दिया।

तुम्हें अपनाया था उसने सब चाहत अपनी छोड़ कर
तुम्हारे सपनों को अपनाया था उसने अपने सपने तोड़ कर
तुम्हारे लिये वो आयी थी क्यूंकि आज भी उसे उम्मीद थी तुमसे
के साथ तुम दोगे उसका,उसके लिए लड़ कर सबसे

क्यूं दिखाए थे तुमने सपनें उसको
जब पूरा उनको तुम्हें करना ना था
वो भी इंसान थी आखिर कभी तों बुरा लगना ही था

काँच टूटने की भी आवाज होती है
ये तो उसका दिल टूटा था,
वो भी एक बार नहीं,
बार- बार टूटा था,
तो कैसे वो चुप रह जाती हर बार,
वो तो नादान थी ना,
वो कैसे अचानक से इतनी समझदार बन जाती ।

तुम चुप थे दर्द तो उसका भी था,
पर तुम जब बोले उससे दिल ज्यादा दुखा
जब उसे समझने की सबसे ज्यादा जरूरत थी
तुमने समझकर भी उसे गलत ही कहा।

वो सब छोड़ने को तैयार थी तुम्हारे लिए
तुमने उसे ही छोड़ दिया,
जिसने अपनों से लड़ कर भी बस तुम्हारा ही नाम लिया,
तुमने पल भर मे उससे, उसका सब कुछ छीन लिया,

तुमने उसे उसके अपनों से दूर कर दिया
इस दुनिया की भीड़ मे तुमने उसे अकेला कर दिया

सिर्फ एक ही कमी थी उसमे, कि वो गुस्सा बहुत करती थी,
पर अगर तुम अच्छाई देखते उसकी तो तुम्हें पता चलता
कि वो तुम पर कितना मरती थी।

वो उड़ना चाहती थी आसमान मे
तुमने उसके पंखों कों ही तोड़ दिया
य़े कैसा प्यार था तुम्हारा, जो तुमने उससे किया,
क्या खता थी उसकी जो तुमने उसे ये प्यार का ईनाम दिया। ।

© DreamWorks