श्री कृष्ण जन्मोत्सव 🙏
तात्पर्य : ऐसा ज्ञात है कि सारे लोक केवल भगवान् की शक्ति से वायु में तैर रहे हैं। भगवान् प्रत्येक अणु, प्रत्येक लोक तथा प्रत्येक जीव में प्रवेश करते हैं। इसकी विवेचना ब्रह्मसंहिता में की गई है। उसमें कहा गया है-परमेश्वर का एक अंश, परमात्मा, लोकों में, ब्रह्माण्ड में, जीव में तथा अणु तक में प्रवेश करता है। अतएव उनके प्रवेश करने से प्रत्येक वस्तु ठीक से दिखती है। जब आत्मा होता है तो जीवित मनुष्य पानी में तैर सकता है। लेकिन जब जीवित स्फुलिंग इस देह से निकल जाता है और शरीर मृत हो जाता है तो शरीर डूब जाता है। निस्सन्देह सड़ने के बाद यह शरीर तिनके तथा अन्य वस्तुओं के समान तैरता है। लेकिन मरने के तुरन्त बाद शरीर पानी में डूब जाता है। इसी प्रकार ये सारे लोक शून्य में तैर रहे हैं और यह सब उनमें भगवान् की परम...