...

7 views

गज़ल- बातें।
जैसे खामोशी है खिजां, और बहार बातें।
चंद लम्हों की मुलाक़ात, और हज़ार बातें।

मौका मिला है तो क्यों ना फ़ायदा उठाया जाए
कर लेते हैं हम-तुम भी, दो चार बातें।

मेरे लफ्ज़ तो तुम्हें देखकर गुम हो जाते हैं कहीं
मुझसे तुम ही...