माँ 💞
माँ तुम्हारे पास आता था तो सांसे भीग जाती थी
मोहब्बत इतनी मिलती थी की आंखे भीग जाती थी
वो दिन भी क्या दिन थे जब खुशियों की बरसात थी
गमों से बहुत दूर था बस दरद से निजात था
जब भी आता था घर को जुबां पर माँ रहता था
मेरी माँ जैसी कोई और हर किसी अक्सर कहता था
तीज त्योहार होली दिवाली कितने अच्छे लगते है
सपने अकसर सपने थे पर बहुत सच्चे लगते थे
होते थे सब साथ घर मे आँगन मे हंसी लहराती थी
माँ तो माँ थी मेरे साथी कितनी ममता बरसाती थी
डांट पापा से खाकर भी पास माँ के रोते थे
नादानी के उन दिनो मे PREEET बडे नादान होते थे
वक्त ने फिर करवट ली ना माँ रही ना प्यार रहा
न कोई सपना दिल मे अब न PREEET जिने का कोई आसार रहा
गिनती की है सांसे अब गिनती के है साल अब
PREEET अब जिन्दगी मे कुछ बिन माँ के बुरा हाल है अब
ना कोई दोस्त ना कोई प्यार बस जिन्दगी अकेले गुजार जाना है
छौड़ कर इस जहाँ को साथी कर्ज सांसो का उतार जाना है
ना कोई गिला शिकवा शिकायत न कोई किसी को परेशानी होगी
बस इतनी नफरत भर दूंगा दिल कोई रूह ना मेरी दिवानी होगी
😏
मोहब्बत इतनी मिलती थी की आंखे भीग जाती थी
वो दिन भी क्या दिन थे जब खुशियों की बरसात थी
गमों से बहुत दूर था बस दरद से निजात था
जब भी आता था घर को जुबां पर माँ रहता था
मेरी माँ जैसी कोई और हर किसी अक्सर कहता था
तीज त्योहार होली दिवाली कितने अच्छे लगते है
सपने अकसर सपने थे पर बहुत सच्चे लगते थे
होते थे सब साथ घर मे आँगन मे हंसी लहराती थी
माँ तो माँ थी मेरे साथी कितनी ममता बरसाती थी
डांट पापा से खाकर भी पास माँ के रोते थे
नादानी के उन दिनो मे PREEET बडे नादान होते थे
वक्त ने फिर करवट ली ना माँ रही ना प्यार रहा
न कोई सपना दिल मे अब न PREEET जिने का कोई आसार रहा
गिनती की है सांसे अब गिनती के है साल अब
PREEET अब जिन्दगी मे कुछ बिन माँ के बुरा हाल है अब
ना कोई दोस्त ना कोई प्यार बस जिन्दगी अकेले गुजार जाना है
छौड़ कर इस जहाँ को साथी कर्ज सांसो का उतार जाना है
ना कोई गिला शिकवा शिकायत न कोई किसी को परेशानी होगी
बस इतनी नफरत भर दूंगा दिल कोई रूह ना मेरी दिवानी होगी
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