ख्वाहिश
ख्वाहिश है मेरी मशहूर होने की
कलम को स्याही-ए-दस्तूर बनाने की।।
ख्वाहिश है दिल-ए-अज़हर छूने की
हर शब्द से रूह तक रू-ब-रू होने की।।
ख्वाहिश है इश्क़ के पैगाम लिखने की
इश्क़-ए-इज़हार बन गूंजने की।।
ख्वाहिश है रूह-ए-वजूद चूमने की
हर किस्से में मौजूद रहने की।।
ख्वाहिश है रिश्तों को सुलझाने की
हर दरार-ए-दर्द को भरने की।।
ख्वाहिश है दास्तां-ए-अरमान बनने की...
कलम को स्याही-ए-दस्तूर बनाने की।।
ख्वाहिश है दिल-ए-अज़हर छूने की
हर शब्द से रूह तक रू-ब-रू होने की।।
ख्वाहिश है इश्क़ के पैगाम लिखने की
इश्क़-ए-इज़हार बन गूंजने की।।
ख्वाहिश है रूह-ए-वजूद चूमने की
हर किस्से में मौजूद रहने की।।
ख्वाहिश है रिश्तों को सुलझाने की
हर दरार-ए-दर्द को भरने की।।
ख्वाहिश है दास्तां-ए-अरमान बनने की...