...

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बढ़ना है मुझे आगे
आने वाला कल दूर कर देगा इस काली रात को
बढ़ना है मुझे आगे अब भूलकर पुरानी सारी बात को ॥

हसूँगा खिलूँगा अबसे मैं तो इस संसार में
सुन ज़रा ऐ दिल तू भी छोड़ दे दुखी जज़्बात को ॥

तोड़ के सारे रिश्ते प्यार से या हो हार से
बढ़ चला हूँ नए सफ़र पे नयी जीत से मुलाक़ात को॥

हूँ भरा आत्मविश्वास से मैं लबालब आसमाँ तलक
ललकार दिया अब तो मैंने खुद की ही औक़ात को ॥

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