मेरी साइकिल
आज मैंने अपनी साईकिल से बात की
वो कहती है,
क्या बात हो गई
अब थोड़ी उदास सी लगती हो
थोड़ी सहमी सी रहती हो
मन में कुछ दफनाए रखी हो
या ...
अब मुझे इस्तेमाल करने से शर्माती हो ।
पलटक जवाब देते हुए मैने कहा....
माफ करना मुझे
मेरी दोस्त
तुमसे अच्छा दोस्त मैने आज तक नहीं देखा
तुम्हारा न मैने अच्छे से ख्याला रखा है
न तुमसे थोड़ी बात कभी की है
कभी तुम्हारी हवा निकाली है
कभी यूं देर सवेर तक तुम्हे दुकान मैं...
वो कहती है,
क्या बात हो गई
अब थोड़ी उदास सी लगती हो
थोड़ी सहमी सी रहती हो
मन में कुछ दफनाए रखी हो
या ...
अब मुझे इस्तेमाल करने से शर्माती हो ।
पलटक जवाब देते हुए मैने कहा....
माफ करना मुझे
मेरी दोस्त
तुमसे अच्छा दोस्त मैने आज तक नहीं देखा
तुम्हारा न मैने अच्छे से ख्याला रखा है
न तुमसे थोड़ी बात कभी की है
कभी तुम्हारी हवा निकाली है
कभी यूं देर सवेर तक तुम्हे दुकान मैं...