15 views
फिर चाहे मर जाऊ मैं...
मेरे दिल को तुम्हारी यादों की आदत सी है ,
जैसे मानो खुदा की इबादत सी है।।
बेचैन निघाहें हैं और बेचैन हर एक धड़कन ,
तुम्हारे दीदार को क्यूँ है ये तड़पन...
मेरी हर इक सांस भी तुमको याद करती है,
बस एक बार मिलने की फरियाद करती है।
एक पल देख पाऊं तुम्हे जी भर ;
फिर चाहे जाऊ मर।।
© श्वेता श्रीवास
जैसे मानो खुदा की इबादत सी है।।
बेचैन निघाहें हैं और बेचैन हर एक धड़कन ,
तुम्हारे दीदार को क्यूँ है ये तड़पन...
मेरी हर इक सांस भी तुमको याद करती है,
बस एक बार मिलने की फरियाद करती है।
एक पल देख पाऊं तुम्हे जी भर ;
फिर चाहे जाऊ मर।।
© श्वेता श्रीवास
Related Stories
20 Likes
10
Comments
20 Likes
10
Comments