...

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कैसे बताएं प्रिय।
कैसे बताएं प्रिय,
चांदनी रात में,
तारों की झिलमिल रोशनी में,
स्वयं को कितना अकेला पाया है,
कैसे बताएं प्रिय,
जब हवाओं ने तन को स्पर्श किया,
तन में तपन की ज्वाला उठी,
नैना सारी रात तेरी याद में नीर बहाए,
कैसे कटा रातों का हर एक लम्हा,
कैसे बताएं प्रिय,
अश्रु रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं,
धड़कने और भी तेज हो रही है,
तेरी यादों का सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है,
मेरी यादों में तू घुलता ही जा रहा है,
अब जिएं कैसे अकेले,
आज मुझे सिर्फ इतना बता दे प्रिय,
नाजुक सा मेरा दिल,
कितना तड़प रहा है तेरे लिए,
कैसे बताएं प्रिय।