स्वाभिमान
स्वाभिमान ना डिगने पाए,
अभिमान ना गिरने पाए ॥
रस्ते हो कठिन पथरीले,
ईमान तेरा पर हिलने ना पाए ॥
दुश्मन हो कितना भी मधुर,
छलावे में मन बहकने ना पाए ॥
दोस्त हो लाखो कड़वा,
प्यार और साथ पर छूटने ना पाए ॥
© swarn_lekhika
अभिमान ना गिरने पाए ॥
रस्ते हो कठिन पथरीले,
ईमान तेरा पर हिलने ना पाए ॥
दुश्मन हो कितना भी मधुर,
छलावे में मन बहकने ना पाए ॥
दोस्त हो लाखो कड़वा,
प्यार और साथ पर छूटने ना पाए ॥
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