34 views
इश्क़
नज़राना इश्क़ का वो मेरे शहर में
खज़ाना इश्क़ का वो मेरे शहर में
ये सावन की रिमझिम बरसती बूदें
अफ़्साना इश्क़ का वो मेरे शहर में
माँग लो हमदम दिल ओ जाँ खत्म
हुआ,वीरान इश्क़ का वो मेरे शहर में
कोई आवारा पागल दिवाना बरसों
बाद,जमाना इश्क़ का वो मेरे शहर में
अब दिल इनकार करे भी तो कैसे
हैं मय-खाना इश्क़ का वो मेरे शहर में ।।
© All Rights Reserved
खज़ाना इश्क़ का वो मेरे शहर में
ये सावन की रिमझिम बरसती बूदें
अफ़्साना इश्क़ का वो मेरे शहर में
माँग लो हमदम दिल ओ जाँ खत्म
हुआ,वीरान इश्क़ का वो मेरे शहर में
कोई आवारा पागल दिवाना बरसों
बाद,जमाना इश्क़ का वो मेरे शहर में
अब दिल इनकार करे भी तो कैसे
हैं मय-खाना इश्क़ का वो मेरे शहर में ।।
© All Rights Reserved
Related Stories
86 Likes
16
Comments
86 Likes
16
Comments