...

14 views

'मन' की ग़ज़ल
खुब रवायत मोहब्बत की देखी
टुटे भी हम बदनाम भी हम हुए

ये जो रिश्ते हैं ना निभते नहीं है
अब दिल में वो चाहते नहीं होती

मोहब्बत का तेरा दिल सबूत था
वो मुकर गया तो कैसी गिरह करें

कसमें वादे तब तक बस बातें हैं
समझ कैसे दिल के क्या इरादे है