खाली प्याली
तुम्हें चाय से मोहब्बत थी, और अब मुझे भी,
पर तुम चले गए, छोड़कर अपने निशां हर घूंट में कहीं।
तुम्हारे बिना अब ये प्याला खाली सा लगता है,
चाय का स्वाद भी जैसे अब फीका सा लगता है।
मैंने तुम्हारे लिए चाय से प्यार करना सीखा था,
हर घूंट में तुम्हारी हंसी का मीठापन चखा था।
पर अब वही चाय, कड़वी सी...
पर तुम चले गए, छोड़कर अपने निशां हर घूंट में कहीं।
तुम्हारे बिना अब ये प्याला खाली सा लगता है,
चाय का स्वाद भी जैसे अब फीका सा लगता है।
मैंने तुम्हारे लिए चाय से प्यार करना सीखा था,
हर घूंट में तुम्हारी हंसी का मीठापन चखा था।
पर अब वही चाय, कड़वी सी...