ऐ कलम तू लिखती जा🖋️🤍
ऐ कलम तू लिखती जा ,
क्यूंकि तेरे रुकने से मैं भी कहां चल पाऊंगी
मुड़कर देखूंगी पीछे इस आस में
की पाऊंगी तुम्हे जब भी आवाज लगाऊंगी
तुम हो न मेरी प्रिय सखी
तुम्हे ही तो दिनभर की बातें सुनाऊंगी
खुशी की बात हुई तो साथ हंसेंगे
और जो मन ग़म में हुआ तो तुम्हें भी रुलाऊंगी
ऐ कलम तू लिखती जा
तेरी प्रेरणा से ही मैं आगे बढ़ पाऊंगी
तू...