बदलते लोग
जमाने में हमने कई किरदार देखा।
कोई करता नहीं हमें प्यार देखा।
मिल के गले से सब कहे साथ हूं मैं।
रही साथ तन्हाई हर बार देखा।
जब भरी जेब थी तब सभी साथ थे।
हाथ खाली हुआ तो नहीं यार देखा।
मैं नादान था कुछ समझ ही ना पाया।
मगर हमने सबको होशियार देखा।
© abdul qadir
कोई करता नहीं हमें प्यार देखा।
मिल के गले से सब कहे साथ हूं मैं।
रही साथ तन्हाई हर बार देखा।
जब भरी जेब थी तब सभी साथ थे।
हाथ खाली हुआ तो नहीं यार देखा।
मैं नादान था कुछ समझ ही ना पाया।
मगर हमने सबको होशियार देखा।
© abdul qadir