...

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काफ़िर
दुनिया को यकीन था,
मेरी शराफ़त पर,
पर तुम्हारी नज़र में,
मैं शातिर ही रहा,
न रूक सका कहीं,
न आशियां बनाया,
सुकून की तलाश में,
सदा मुसाफ़िर ही रहा,
राह तकते रहे तुम,
कि...