...

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चलो बताऊं तुम्हें, क्या हो तुम,
चलो बताऊं तुम्हें, क्या हो तुम,
चाहे मेरी हो या ना हो पाओ तुम,
कोई बेपरवाह हंसी का दिलकश अंदाज हो तुम,
नादान रजत का एक प्यारा सा ख्वाब हो तुम,
बारिशों के मौसम की भींगी हरियाली हो तुम,
ठहर जाएं मेरी नज़र जिसपर वो कुद़रत का नजारा हो तुम,
मेरे सफ़र का आगाज़ और शायद अंत हो तुम,
मुझे मंज़िल तक पहुंचानें में लगा मेरा वो जूनून हों तुम,
जिसे ख़ामोश होकर सुनु मै वो साज़ हों तुम,
जितनी कल थी उतनी ही आज ख़ास हो तुम,
मेरा एक तरफ़ा प्यार हो तुम,
भाग दौड़ भरी जिंदगी में एक लम्हें का सुकून हो तुम,
जिसे देख मेरा दिल थम जाएं वो शख्स......
© Rajat