मेरे देश की धड़कन
सुबह सबेरे उठ कर फूलों की महक
अंधेर को लीलते सुर्ख सूरज की चमक
चिड़िया पंछियों का कोलाहल
नदी किनारे लहरों की पायल सी छमछम
माटी की खुशबू में इतर का आलम
ऐसी मेरी खेत की सुबह
ऐसी मेरे देश की धड़कन
अंधेर को लीलते सुर्ख सूरज की चमक
चिड़िया पंछियों का कोलाहल
नदी किनारे लहरों की पायल सी छमछम
माटी की खुशबू में इतर का आलम
ऐसी मेरी खेत की सुबह
ऐसी मेरे देश की धड़कन