...

14 views

मंज़िल की ओर...🍂🌼

सब्र से काम लिया करो
खून में उबाल ही काफ़ी नहीं
तुम्हारी मंज़िल पर पहुँचने को...

बनाना पड़ता है खाका सफ़र का
अनुभव भी मायने रखता है बहुत
ज़रूरी नहीं, सफ़लता है सिर्फ़ पाने को...

गलतियों से सीखना है ज़रूरी
स्वमूल्याँकन का कोई विकल्प नहीं
तैयार रहना पड़ता है, राह बदलने को...

अपनी लड़ाई खुद लड़नी पड़ती है
अपना नज़रिया भी, एक सा रहता नहीं
साथी ऐसे तो, बहुत होंगे कहने को...



🍂
© संवेदना
#कुछ_नया_कुछ_पुराना

picture source* Google