...

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मानव जन्म
जब भी मैं सुबह-सुबह घर से निकलती हूं,
तो अपने आस-पास इतने लोगो को देखकर ,
मेरे मन में बस एक ही ख्याल आता है,
कि उस ऊपर वाले ने हमें ही इंसान क्यो बनाया?
वो तो हमें इंसान की जगह कुछ भी बना सकता था,
लेकिन फिर भी हमें इंसान बना ही इस दुनिया में भेजा
आखिर इसकी वजह क्या है?
क्यो उन्होने मानुष जन्म दिया ?
हम लोगो ने मानव बनकर जन्म तो ले लिया ,
पर हमारे अंदर मानवता ही खत्म हो गई ।
क्यो हम अपने ही लोगो को आगे बढ़ने का
अवसर नही दे पाते?
और कोई मुसकिलो से लड़कर आगे बढ़ने
की कोशिश करता तो उसके पैर खिचते है ।
पैर खिचने के बजाय हाथ खिचना चाहिए,
ताकि एक वो भी अपने पैरो पर चलना सीख जाए।
समानता बोलने से नही आएगी,
समानता हमारे विचारो के परिर्वतन से अएगी।
गरीबी बोलने से नही मिटेगी,
गरीबी मदद के लिए उठे हाथ की सहायता से जाएगी।
इसलिए खिचना ही है तो हाथ खिचिए पैर नही।
और अगर मद्द ही करना ही तो ऐसे कीजिए
कि दूबारा उसे आपकी मद्द की जरूरत ही ना पड़े।