...

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जिसे चलना ठोकरों ने सिखाया ...
अक्सर ही पूछा जाने वाला सवाल.…..
आप क्या लिखते हो?

मैं ओज नहीं, खोज लिखता हूँ..
मैं सुंदरता ही नहीं, अत्याचार भी लिखता हूँ
नजरों से हो रहे नजरो के बलात्कार लिखता हूँ

मैं कठोर नही, पुरुष की कोमलता लिखता हूँ
मैं गुणगान नहीं, गलत इल्ज़ाम लिखता हूँ
अपनों से मिली अपनों को पीर लिखता हूँ!

मैं ख्याल लिखता हूँ, तो जज़्बात भी लिखता हूँ....
बचपन पर ढाया कहर लिखता हूँ!
मैं गुमनामियों का शहर नही,
शहरो में गुमनाम जिंदगी लिखता हूँ,

माना कड़वे हैं शब्द मेरे.....
क्योकि चीनी में घुला हुआ जहर लिखता हूँ



© राइटर.Mr Malik Ji.....✍