...

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शीर्षकहीन

छोड़कर वो गई इल्ज़ाम मुझपर लगा रही है ।
पूछ पूछ कर थक गया हूँ,
मेरा कसूर नही बता रही है।
ऊपर से बोहोत गुस्सा हूँ,
नफरत सी हो गई उससे
अंदर से उसी की फिक्र सता रही है।
मैं तुमको बोहोत प्यार करता था , अभी भी करता हूँ,
लेकिन अभी वो बात नही रहीं।
तुमने अपने प्यार को मेरे लिए टाइम पास बोला, जैसे मेरी
कोई औकात नही रही।
एक बार बोल देती प्यार करती थी, अभी नही करती,
चाहे झूठ ही बोल देती।
कितनी बार अपना दिल मेरे लिए खोला है , एक आखिरी
बार खोल देती।
तुम बोहोत जल्द धोखा खाकर, वापस लौट कर
आओगी,
पर अफसोस , बोहोते देर हो चुकी होगी , तुम मुझे वहां
नहीं पाओगी।
तेरी मेरी कहानी बनने से पहले तुमने गलती कर दी।
गलती को सुधार भी सकती थी,
लेकिन गलती पे गलती कर दी।
तुम चिंता मत करना , मैं तुम्हे अपने हाल पर छोड़ रहा हूँ।