दहेज
मां मैं एक तेरे दिल का टुकड़ा हुं,
इस घर का मुखड़ा हुं।
पता नहीं तु कैसी रित निभाती हैं,
मुझे भी उनको सोमप रही हैं
और तु ही उपहारो का मूल्य चुकाती हैं।
देख मैं संग में ना कुछ ले जाऊंगी,
तेरी कोख खाली करके जा रही,
तेरा घर ना खाली करके जाऊंगी।
...
इस घर का मुखड़ा हुं।
पता नहीं तु कैसी रित निभाती हैं,
मुझे भी उनको सोमप रही हैं
और तु ही उपहारो का मूल्य चुकाती हैं।
देख मैं संग में ना कुछ ले जाऊंगी,
तेरी कोख खाली करके जा रही,
तेरा घर ना खाली करके जाऊंगी।
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