...

0 views

कियू अपनी सोच को नही दोसरो को बदलना चाहते हो
क्या रीत है मेरे भारत की रोते को कमज़ोर और जुल्म करने वालो को ताकतवर कहती है , किसी का रंग , जाति , भाषा अलग होने पर उसे हर दिन एक नया दुख देती है , है भारत के लोग प्यार मोहब्बत की मीठी मीठी बाते करते हो और दूसरी ही तरफ लड़कियों के घर से निकलने पर उन पर गलत इल्जाम लगाते हो , सोच सही खुद की नही कमी हमारी बताते हो , गर्म खुद कर गूंजा गर हमे तहराते हो ।

बेटी घर की लक्ष्मी , सर का ताज होती है यह वाह वाह पूरे भारत मैं फैलते हो फिर एक दिन उससे अकेला देख उसी पर जुल्म कर जाते हो ।

लड़के अगर नर्मता से बात करे तो उनको लड़की टहराते हो , और रोए तो कमज़ोर बड़ी शान से कह जाते हो , लेकिन जब वो अपनी जिंदगी मैं असफल होता है तो किया नही अपना हाथ मदद के लिए बसते हो ।

आखिर कियू हर बार हर इंसान को बिना जुर्म के ही सजा सुनाते हो । आखिर कियू परदे मैं लिपटी खूबसूरती को खोल उससे बदसूरत बनाते हो । जात , धरम , भाषा के नाम पर हर इंसान को जीते जीते मार देते हो आखिर कियू ।
© copyrightuzma8067