...

3 views

विकास
एक रोज़ आते-आते
नजरे रूक गई
कोई आदमी नहीं
एक बड़ा सा हाथ
किसी के आंसुओं की परवाह किए बिना
भारी-भरकम पेड़ों को जमीन पर सुला रहा है
देखते ही देखते धरती वीरान हो गई
आखिर हो क्या रहा है
हैरानी बढ़ी.........