...

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20 साल बाद मेरी कल्पना
तुम्हें देखता हूँ और सोचता हूँ,
तुम्हारा चेहरा आज भी वैसा है, फूलों की तरह,
मगर वो फूल मेरे बाग में न खिला,

तुम्हें देखता हूँ और सोचता हूँ,
तुम्हारी आँखें आज भी वैसी हैं, चमकते तारे की तरह,
मगर वो तारा...