बचपन
_*बड़ा सुन्दर बड़ा प्यारा होता है बचपन का तराना*_
_*न भेदभाव न राजनीति न वैरभाव न ही कोई फसाना*_
_*आज आया फिर से याद वो ही प्यारे बचपन का ज़माना*_
_*कितना अच्छा होता है बचपन सच्चाई का होता ज़माना*_
कोई बताओ न कभी
किरदारों की कहानी
कभी रूठा करता था राजा
कभी मनाया करती थी रानी
याद आती है अब भी
मुझको नानी की वो कहानी
सोने से पहले सुनाया करती थी जो
कितनी सुन्दर थी उसकी जुबानी
प्यारा कितना था वो बचपन
अब वो नाव कितनी पुरानी
होती थी कागज की कश्ती
थोड़ा बारिश का वो पानी
याद आती है अब...
_*न भेदभाव न राजनीति न वैरभाव न ही कोई फसाना*_
_*आज आया फिर से याद वो ही प्यारे बचपन का ज़माना*_
_*कितना अच्छा होता है बचपन सच्चाई का होता ज़माना*_
कोई बताओ न कभी
किरदारों की कहानी
कभी रूठा करता था राजा
कभी मनाया करती थी रानी
याद आती है अब भी
मुझको नानी की वो कहानी
सोने से पहले सुनाया करती थी जो
कितनी सुन्दर थी उसकी जुबानी
प्यारा कितना था वो बचपन
अब वो नाव कितनी पुरानी
होती थी कागज की कश्ती
थोड़ा बारिश का वो पानी
याद आती है अब...