...

14 views

वो अन्देरी रात थी
हा चिलाई थी मे पर वो अन्देरी रात थी, ना बंदा था ना बन्दे की कोई जात थी !
राक्षस थे वो इंसानों वाली ना कोई उनमे बात थी ना ही ओकात थी !
हा चिलाई थी मे पर वो अन्देरी रात थी, ना बंदा था ना बन्दे की कोई जात थी!
रोका बड़ा मेने मगर उनको तो जिस्म की पयास थी!
हा चिलाई थी मे पर वो अन्देरी रात थी, ना बंदा था ना बन्दे की कोई जात थी!
नोच डाला मेरे जिस्म को, ना उनकी कोई बहन थी और ना ही वो किसी माँ की औलाद थी !
हा चिलाई थी मे पर वो अन्देरी रात थी,...