स्वीकार
प्रेम कुछ ऐसा है,
प्रेम समर्पण के साथ होगा..
तो वो स्वीकार होगा..
तुमने गलती की है,
तो छुपाना क्यों है..
तुम गलती को स्वीकार करो..
...
प्रेम समर्पण के साथ होगा..
तो वो स्वीकार होगा..
तुमने गलती की है,
तो छुपाना क्यों है..
तुम गलती को स्वीकार करो..
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