Woman's Day Special
दुनियां की आश है वो
कब होती निराश है वो
घर में रौनक लाती,
पापा की परी कहलाती..!
हर हाल में उम्दा,
कंधे से कंधा मिलाती,,
खूब नाम कमाती,
हर खेल में अव्वल आती,
एक घड़ी अब ऐसी आती,
जब माई का अपना छोड़
वो दूसरे घर को जाती..!
वहा रिश्तों को...
कब होती निराश है वो
घर में रौनक लाती,
पापा की परी कहलाती..!
हर हाल में उम्दा,
कंधे से कंधा मिलाती,,
खूब नाम कमाती,
हर खेल में अव्वल आती,
एक घड़ी अब ऐसी आती,
जब माई का अपना छोड़
वो दूसरे घर को जाती..!
वहा रिश्तों को...