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कराह रही हैं साँसे।
कराह रही साँसे इस दर्दे दिल के तहखाने मे।
जो ना आया कभी,उम्र गुजर गयी उसे बुलाने मे।
वफा की चंद लम्हो की मोहताज थी मेरी आशिक़ी,
मौत से करा के यारी,कम्बख्त कुछ साँसे छोड़ दी सिने मे।
Instagram@amitsnote.
© amitsingshayar_
जो ना आया कभी,उम्र गुजर गयी उसे बुलाने मे।
वफा की चंद लम्हो की मोहताज थी मेरी आशिक़ी,
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