तुम भी भूल नही पाओगे...........
जितना दर्द तुमने मुझे दिया है
मैं जानती हु तुम कभी मान नहीं पाओगे
पर यकीन है मुझे की तुम भी मुझे कभी भूल नहीं पाओगे,
जब भी देखोगे आईने मे तुम खुदको
मेरे आंसू तुम्हें हमेशा नजर आयेंगे
जब सुनना चाहोगे खुद को तुम
मेरी कराहटो को तुम अनसुना नहीं कर पाओगे
एक दिन एहसास जरूर होगा तुम्हें भी
कि कितना गलत किया था मेरे साथ तुमने
पर वो दिन इतना late आएगा कि मुझे फर्क़ ही नहीं पड़ेगा कि
मुझे कभी अंदर तक तोड़ दिया था तुमने
मिल जायेगी कोई और तुम्हें पर मुझे तुम फिर भी खोजोगे
जिस दिन कोई और मिलेगा मुझे मेरा वादा है तुम दिल से रो दोगे
वक़्त दिया था मैंने तुम्हें की कभी तो मुझे तुम सही समझोगे
आयीं थी तुम्हारे दर तक की तुम इस वक़्त तो मुझे थाम लोगे
तुमने जाने दिया मुझे ये कहकर कि :
वक़्त कों वक़्त तुम दो ज़रा
तुम समझने लायक नहीं, मै क्या समझूँ तुमको भला
सही है वो लोग सब जिन्होंने तुम्हें गलत कहा
सारी गलती बस तुम्हारी थी मै हमेशा से ही सही था
पर जनता है दिल ये तुम्हारा भी कहीं न कहीं
मेरी गलती थी, पर सिर्फ गलती मेरी नहीं
बस फर्क़ इतना था की तुम्हारे हिमायती अनेक थे
ओर मेरी तरफ से बस तुम एक थे
ना मै भूलूंगी उस दिन को कभी ना तुम कभी भूल पाओगे
तुम चाहे जिंदगी मे कितना ही आगे बढ़ जाओ
पर हर रोज मुड़ के मेरी कहानी को अपने दिल से दोहराओगे।।
© DreamWorks
मैं जानती हु तुम कभी मान नहीं पाओगे
पर यकीन है मुझे की तुम भी मुझे कभी भूल नहीं पाओगे,
जब भी देखोगे आईने मे तुम खुदको
मेरे आंसू तुम्हें हमेशा नजर आयेंगे
जब सुनना चाहोगे खुद को तुम
मेरी कराहटो को तुम अनसुना नहीं कर पाओगे
एक दिन एहसास जरूर होगा तुम्हें भी
कि कितना गलत किया था मेरे साथ तुमने
पर वो दिन इतना late आएगा कि मुझे फर्क़ ही नहीं पड़ेगा कि
मुझे कभी अंदर तक तोड़ दिया था तुमने
मिल जायेगी कोई और तुम्हें पर मुझे तुम फिर भी खोजोगे
जिस दिन कोई और मिलेगा मुझे मेरा वादा है तुम दिल से रो दोगे
वक़्त दिया था मैंने तुम्हें की कभी तो मुझे तुम सही समझोगे
आयीं थी तुम्हारे दर तक की तुम इस वक़्त तो मुझे थाम लोगे
तुमने जाने दिया मुझे ये कहकर कि :
वक़्त कों वक़्त तुम दो ज़रा
तुम समझने लायक नहीं, मै क्या समझूँ तुमको भला
सही है वो लोग सब जिन्होंने तुम्हें गलत कहा
सारी गलती बस तुम्हारी थी मै हमेशा से ही सही था
पर जनता है दिल ये तुम्हारा भी कहीं न कहीं
मेरी गलती थी, पर सिर्फ गलती मेरी नहीं
बस फर्क़ इतना था की तुम्हारे हिमायती अनेक थे
ओर मेरी तरफ से बस तुम एक थे
ना मै भूलूंगी उस दिन को कभी ना तुम कभी भूल पाओगे
तुम चाहे जिंदगी मे कितना ही आगे बढ़ जाओ
पर हर रोज मुड़ के मेरी कहानी को अपने दिल से दोहराओगे।।
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