...

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काश.....
की काश कभी तू ले मेरी जगह और मैं तेरी जगह आऊ,,
तू रोए अपनी मोहब्ब्त के लिऐ और मैं पत्थर की बन जाऊ।।।
कभी तू भी दुआओं में मांगे मुझे, हर मंदिर मज्जिद सजदा करे,,
भीख मांगे तू मेरे प्यार की ओर भीख भी तुझे खैरात में मिले।।।
की कभी तेरी भी रुह कापै,, तू भी डरे किसी और का होने से,,,
मैं बन जाऊ तेरी तरह आवारा,,तू भी देखे मुझे किसी और का होते हुए।।।
की कभी तू भी सपने देखे मेरे और मुझी से न कह पाए,,,
मैं देखू तेरी आंखों में प्यार और फिर तू मेरे लिए कंकड़ बन जाए।।।
की कभी हाथ में लिए फोन तू सारा दिन इंतज़ार करें मुझसे बात करने का,,,
मैं खाना खा कर बात करती हूं कह कर,, कारण बनू रात में तेरे रोने का।।।
की कभी तू भी मुझे प्यार करे मां सा ,,मेरी चिंता तुझे सताए,,,
मेरा दिल तंग हो कर तेरी करीबी से तुझसे ही दूरियां बनाए।।।।
की कभी तू भी कृष्ण समझे खुद को और मुझे अपनी राधा बनाए,,
कलयुग में सच्चे प्रेम करने की क़ीमत प्रेम खो कर तुझे समझ आए।।।।
काश वक्त रहते तुझे मेरी कद्र हो जाए,,,
काश वो खुदा न तुझे होने दे किसी और का न मुझे किसी का बनाए।।।
© vandana singh