काश.....
की काश कभी तू ले मेरी जगह और मैं तेरी जगह आऊ,,
तू रोए अपनी मोहब्ब्त के लिऐ और मैं पत्थर की बन जाऊ।।।
कभी तू भी दुआओं में मांगे मुझे, हर मंदिर मज्जिद सजदा करे,,
भीख मांगे तू मेरे प्यार की ओर भीख भी तुझे खैरात में मिले।।।
की कभी तेरी भी रुह कापै,, तू भी डरे किसी और का होने से,,,
मैं बन जाऊ तेरी तरह आवारा,,तू भी देखे मुझे किसी और का होते हुए।।।
की कभी तू भी सपने देखे मेरे और...
तू रोए अपनी मोहब्ब्त के लिऐ और मैं पत्थर की बन जाऊ।।।
कभी तू भी दुआओं में मांगे मुझे, हर मंदिर मज्जिद सजदा करे,,
भीख मांगे तू मेरे प्यार की ओर भीख भी तुझे खैरात में मिले।।।
की कभी तेरी भी रुह कापै,, तू भी डरे किसी और का होने से,,,
मैं बन जाऊ तेरी तरह आवारा,,तू भी देखे मुझे किसी और का होते हुए।।।
की कभी तू भी सपने देखे मेरे और...