थोड़े दिन ही चले हैं साथ छूट रहा है
थोड़े दिन ही चले हैं
साथ छूट रहा है
जिंदगी तुमसे अब
नाता टूट रहा है
कैसे रोके तुम्हें
छाती फूट रहा है
आंखों की सपना
शब्र से आंखें मूंद रहा है
पल भर की खुशियां देकर
पूरा संसार लूट रहा है
एक उम्मीदों का किरण
पूरब में डूब रहा है
कुछ कह नहीं सकते हैं
धीरज का बांध टूट...
साथ छूट रहा है
जिंदगी तुमसे अब
नाता टूट रहा है
कैसे रोके तुम्हें
छाती फूट रहा है
आंखों की सपना
शब्र से आंखें मूंद रहा है
पल भर की खुशियां देकर
पूरा संसार लूट रहा है
एक उम्मीदों का किरण
पूरब में डूब रहा है
कुछ कह नहीं सकते हैं
धीरज का बांध टूट...