वक़्त और मोहब्बत
कुछ कदमों की दूरी थी,
पर न जाने क्यों मिलो की दूरी थी,
पास होकर भी न जाने क्यों अंजानो सी फीलिंग थी,
पास न होकर भी अपने पन का एहसास हुआ करता था,
आज पास होकर भी अंजान से लगते हो,
लोग बदल जाते है जानते थे,
पर तु भी उन्ही लोगों मे से होगा नही जानते थे,
जानते थे तुम्हारे लिए सिर्फ एक टाइम पास थे फिर भी तेरी...
पर न जाने क्यों मिलो की दूरी थी,
पास होकर भी न जाने क्यों अंजानो सी फीलिंग थी,
पास न होकर भी अपने पन का एहसास हुआ करता था,
आज पास होकर भी अंजान से लगते हो,
लोग बदल जाते है जानते थे,
पर तु भी उन्ही लोगों मे से होगा नही जानते थे,
जानते थे तुम्हारे लिए सिर्फ एक टाइम पास थे फिर भी तेरी...