अकेलापन
कई बार मन कितना विचित्र होता है ना चाहते हुए भी सब कुछ अजीब होता है
सब रिश्ते बेगाने लगते हैं जैसे हम अपनों को भी खोने लगते हैं
कशमकश चारों ओर नजर आती है मंजिले दूर-दूर तक खो जाती है
याद आता है वह...
सब रिश्ते बेगाने लगते हैं जैसे हम अपनों को भी खोने लगते हैं
कशमकश चारों ओर नजर आती है मंजिले दूर-दूर तक खो जाती है
याद आता है वह...