...

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बारिश
बारिश पड़े तो भागिए नहीं.......
छत नहीं खोजिये........
छाते कभी-कभार बंद रखिये......
किस बात का डर है......?
भीग जायेंगे न...........?
तो क्या हुआ......
पिघलेंगे नहीं.. ...
.फिर से सूख जायेंगे.. ....
तेजाब नहीं बरस रहा है........
आपकी 799 वाली टी-शर्ट भी सूख जायेगी....
ब्रांड भी उसका Levis से Lebis नहीं हो जायेगा..... ...
मोबाइल पालीथिन में कस के रख लीजिये.....
सड़क साफ़ है.. .....कोई नहीं आएगा.......
उस स्ट्रीट लैम्प की पीली रौशनी में डिस्को करती बूंदों को देखिये..........
थोड़ा धीरे चलिए.......
जल्दी पहुंच के भी क्या बदल जाना है......
बारिश बदलाव है.......
मौसम का....
मन का.....
कल्पनाओं का.......
और लाइफ के गियर का......
दिमाग से दिल की तरफ........
सब धुल रहा है........
प्रकृति सब कुछ धो रही है.. ........
आप क्यूँ...