...

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time
वक्त का भी वक्त आता है
वक्त को वक्त तो दो कुछ वक्त के लिए,
जो आज तुम्हे अनसुना करते हैं
वो कल तुम्हे सुनने को तरशेंगे,
जो आज तुम्हारी कदर नहीं करते हैं
वो कल तुम्हे देखने को नज़रे बिछाएंगे,
बस वक्त का ही तो खेल है
बदलने में वक्त तो नहीं लगता है|
वक्त को वक्त तो दो बस कुछ वक्त के लिये|

© kajalgupta