"तुमने"
जासूस मेरी नज़रों को भी
पता कुछ चलने
न दिया,
छुपाया जख़्म सारा अपना और
मुझको हँसकर गले से अपने लगाया तुमने,
छल था हर उस नज़र में जिस नज़र से भी बचाया मुझको,
दिया सुबूत मोहब्बत का,
किसी को भी मुझे छलने न दिया,
क्या कहूँ कि किस एक...
पता कुछ चलने
न दिया,
छुपाया जख़्म सारा अपना और
मुझको हँसकर गले से अपने लगाया तुमने,
छल था हर उस नज़र में जिस नज़र से भी बचाया मुझको,
दिया सुबूत मोहब्बत का,
किसी को भी मुझे छलने न दिया,
क्या कहूँ कि किस एक...