...

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"तुमने"
जासूस मेरी नज़रों को भी
पता कुछ चलने
न दिया,
छुपाया जख़्म सारा अपना और
मुझको हँसकर गले से अपने लगाया तुमने,
छल था हर उस नज़र में जिस नज़र से भी बचाया मुझको,
दिया सुबूत मोहब्बत का,
किसी को भी मुझे छलने न दिया,
क्या कहूँ कि किस एक बात पर तुमको अपना मान बैठी,
तुमने तो बातों-बातों में मुझको अपने नाम किया,
थम-सी गई धड़कन जब भी चाहा
तुमने छुड़ा लेना हाथ
मुझसे,
जान में आई जान जब-जब
फिर से दे आवाज़ तुमने बुलाया मुझको,
हो न हो उम्र भर का साथ लेकिन
मिला वक़्त जितना भी
उतने में ही,
न जाने कितनी दफ़ा
मेरी दुनिया को वसंत-बहार-सा ख़ुशगवार किया तुमने !



~
मेरे तुम ! ❤️





#yo_hu #aprajita❤
© Aprajita